• Skip to Main Content
  • Screen Reader Access
  • A+ A A -
  • A A

टीडीबी का लक्ष्य, उद्योग में प्रौद्योगिकी के विकास का समर्थन करके, लघु, मध्यम और दीर्घकालिक जोखिम वाले चयनित क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी विकास एवं वाणिज्यीकरण के कमजोर क्षेत्र को मजबूत करना है।

भारत की प्रौद्योगिकी प्राथमिकताएं हैंः

ऊर्जा, परिवहन, आवास, संचार इत्यादि जैसे आधारभूत संरचाना जैसे बुनियादि सुविधाओं के आधार पर निरंतर तकनीकी आदानों के आधुनिकीकरण करके, लागत को कम करना एवं पूंजीगत उत्पादकता को बढ़ाना है। हालांकि, अल्पावधि में, कुछ लोगों को पूंजिगत माल एवं तकनीकी जानकारी के आयात में पूंजी लगाना पड़ सकता है।
उन क्षेत्रों में तकनीकी सहायता जो वर्तमान में मूल्य-संवर्धन के लिए निर्यात कर रहें हैं और निर्यात की गुणवत्ता, मात्रा और मूल्य में लगातार सुधार कर रहें हैं।
छोटे पैमाने के चयनित तकनीकी क्षेत्रों में तकनीकी सहायता जिसका भविश्य कई प्रकार से उच्च प्रौद्योगिकी विकास पर निर्भर करता है। और
भारत द्वारा विष्व स्तर पर प्रभाव डालने वाले एवं वैष्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल करने वाले अन्तरराश्ट्रीय स्तर पर सीमावर्ती बाजार उन्मुख प्रौद्योगिकीयों के चयनित क्षेत्र पर कार्य करना।
टीडीबी की उपरोक्त सभी श्रेणियों में सक्रिय भूमिका है ताकि लाभकारी प्रभाव स्थायी रूप से अर्थव्यवस्था एवं समाज को हासिल हो सके।