टीडीबी भारतीय औद्योगिक चिंताओं और अन्य एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जो स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास और वाणिज्यिक अनुप्रयोग का प्रयास करता है, या व्यापक घरेलू अनुप्रयोगों के लिए आयातित प्रौद्योगिकी का पालन करता है।
इसके उद्येष्य हैंः
विफलताओं की जोखिम के बावजूद छोटे उद्यमों के नये विचारों को बढ़ावा देना
प्रतिस्पर्धी उपभोक्ता उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहित करना
नवीन उत्पादों के लिए उद्योगों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को प्रेरित करना
सामाजिक रूप से प्रासंगिक एवं लाभदायक प्रौद्योगिकीयों का विकास
सामरिक हस्तक्षेप की आवष्यकता वाले क्षेत्रों का पहचान एवं कार्य करना
भारतीय उद्योग को प्रतिस्पर्धी दबाव में खड़े होने और एक वैष्विक खिलाड़ी बनने में सक्षम बनाने के लिए हमारे प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों में निवेष
विचार यह है कि प्रौद्योगिकी के विकास एवं वाणिज्यीकरण के लिए टीडीबी की सहायता अद्वितीय होनी चाहिए। उपरोक्त के अतिरिक्तः
अपने सक्रिय रूख के साथ, बोर्डः
उद्योग, वैज्ञानिक, तकनीकि विषेशज्ञों के बीच बातचीत की सुविधा प्रदान करता है।
उद्यमियों के नई पीढ़ी के निर्माण की सुविधा प्रदान करता है।
अन्य समान प्रौद्योगिकी वित्तपोशण निकायों के साथ साझेदारी में सहायता करता है।
रोजगार के नए अवसर तैयार करता है।