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परियोजना वित्तपोशन निर्देषिका
पद्ध स्वदेषी तौर पर विकसित व्यवसायिक तकनीक और पपद्ध आयातित तकनीक के व्यापक घरेलू उपयोग के अनुकूलन के उद्देष्य से संसद द्वारा अनुसंधान एवं विकास उपकर अधिनियम, 1986 को अधिनियमित किया गया था, जिसके तहत औद्योगिक निकायों द्वारा प्रौद्योगिकी के आयात के लिए किए एक सभी भुगतान पर 5ः की दर से सेस संग्रहित किया जाता है। गतिषील आर्थिक वातावरण में स्वदेषी तकनीक के विकास एवं क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार ने अनुसंधान एवं विकास उपकर से उपार्जित आय को प्रौद्योगिकी विकास एवं क्रियान्वयन नामक एक निधि में स्थापित किया। इस निधि को प्रषासित करने के लिए, भारत सरकार ने 1 सितम्बर, 1996 को प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड अधिनियम, 1995 के प्रावधानों के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड का गठन किया।
ऋण आवेदन प्रपत्र – ए
नियम 19(2) : प्रौद्योगिकी विकास एवं क्रियान्वयन निधि से वित्तीय सहायता के लिए इच्छुक आवेदन बोर्ड को प्रपत्र-ए के द्वारा आवेदन करेगा।